ऊधम सिंह नगर: तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज में प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज संजय वन चेतना केंद्र को आकर्षक पर्यटन डेस्टीनेशन बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत जिला योजना से मिले 20 लाख रुपयों से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जा रही है। इसके साथ ही भारत सरकार से संजय वन क्षेत्र के सुरक्षात्मक कार्यों के लिए 56 लाख रुपयों का बजट मांगा गया है।
रुद्रपुर-हल्द्वानी रोड पर स्थित संजय वन चेतना केंद्र सुकुन की चाह रखने वाले सैलानियों की पसंदीदा जगह है। लेकिन बीते कुछ सालों से संजय वन बजट नहीं मिलने की वजह से बदहाल हो गया था। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने संजय वन को विकसित करने के लिए कोशिशें शुरू कीं और अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की। उन्होंने इसे ड्रीम प्रोजेक्ट में भी शामिल किया था। जिसके चलते पिछले साल जिला योजना से वन विभाग को 20 लाख रुपये दिए गए थे। इससे संजय वन की दशा को सुधारते हुए सफाई, रंग रोगन के साथ ही पार्क, झूले और बेंच को ठीक किया गया। इसके अलावा सैलानियों के लिए सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए। जिसके बाद यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। अब वन विभाग करीब डेढ़ किलोमीटर में फैले संजय वन को बेहतर पर्यटन डेस्टीनेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है। जिसके चलते नैनीताल और अन्य जगहों पर जाने वाले पर्यटन संजय वन का भी रुख कर सकें। डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि जिला योजना से मंजूरी 20 लाख रुपये से डीपीआर बनाई जाएगी। अभी यह तय नहीं किया गया है कि संजय वन में कौन-कौन सी गतिविधियां और सुविधाएं होंगी। इसके अलावा भारत सरकार से 56 लाख रुपये की राशि मांगी गई हैं। अगर बजट मिलता है तो संजय वन के चारों ओर फेंसिंग कराई जाएगी। डीएफओ ने बताया कि संजय वन क्षेत्र में हाथियों का काफी मूवमेंट हैं। इसके साथ ही अन्य जानवरों का भी खतरा रहता है। अगर भारत सरकार से बजट मिलता है तो बेहतर फेंसिंग कर जानवरों से सुरक्षित हो जाएगा। जिसके बाद इसको बंद करने के समय को भी बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में संजय वन सुबह नौ बजे खुलकर शाम पांच बजे बंद कर दिया जाता है।