जनपद ऊधम सिंह नगर के पंतनगर गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के फार्म निदेशालय में तकनीकी प्रबंधक इंजीनियर आरके सिंह का शव संदिग्ध हालत में उनके सरकारी आवास के बाथरूम में पड़ा मिला। मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। हालांकि पुलिस प्रथम दृष्टया इसे हार्ट अटैक मान रही है।
जानकारी के अनुसार मूल रूप से देवरिया यूपी और वर्तमान में अमेठी यूपी निवासी आरके सिंह पुत्र सोमेश्वर सिंह छोटी मार्केट के पास सरकारी आवास संख्या 1311 में अकेले रहते थे। सोमवार सुबह आठ बजे घरेलू काम करने पहुंचे उनके सहायक मनोज ने डोरबेल बजाई मगर कोई जवाब नहीं मिला। हलका धक्का देने पर दरवाजा खुल गया। कमरे से अटैच बाथरूम में आरके सिंह को पड़ा देख उसके होश उड़ गए। इसके बाद पुलिस, सुरक्षा विभाग और फार्म के अधिकारी वहां पहुंच गए। पुलिस ने आशंका जताई है कि आरके सिंह की मृत्यु करीब 24 घंटे पहले ही हो चुकी है। एसएचओ राजेंद्र सिंह डांगी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की असल वजह का पता चलेगा।
आरके सिंह के पिता सोमेश्वर सिंह अमेठी के आरआरपीजी कॉलेज में प्राचार्य थे। सेवाकाल में ही उनका पूरा परिवार अमेठी के चाणक्यपुरी में बस गया था। आरके सिंह के पांच भाई हैं। सबसे बड़े भाई अवधेश सिंह सेवानिवृत्त प्रवक्ता हैं। बृजेश सिंह और दिनेश सिंह व्यवसायी हैं। एक भाई रमेश सिंह की वर्ष 1988 में ही मौत हो चुकी है। आरके सिंह की पत्नी भी पंतनगर विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं और प्रतिनियुक्ति पर निफ्ट कुंडली सोनीपत हरियाणा में निदेशक के पद पर तैनात हैं। बड़ा बेटा दिल्ली में इंजीनियरिंग के बाद इंग्लिश मैनेजमेंट और छोटा बेटा मुंबई में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। आरके सिंह ने जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी महाविद्यालय से 1985 में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद यहीं से जॉब शुरू की थी। पांच दिन पहले ही मिली थी अस्पताल से छुट्टी एक महीने पहले दिल का दौरा पड़ने पर लोगों ने आरके सिंह को विश्वविद्यालय अस्पताल में भर्ती कराया था। एक सप्ताह पहले फिर से दिल का दौरा पड़ने पर उन्हें ठेकाकर्मी बिकेश ने हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां से डॉक्टरों ने उन्हें बृहस्पतिवार को ही छुट्टी दी थी। 31 दिसंबर की रात सिल्वर जुबिली भवन में छात्रों की पार्टी के दौरान उन्हें लोगों ने आखिरी बार देखा था। लोगों का यह भी कहना है कि आरके सिंह दो साल से अवसाद में चल रहे थे। उनके साथ काम करने वालों ने बताया कि वह इन दिनों कहा करते थे कि उनका यह जीवन तो व्यर्थ गया। अब नए साल में नया जन्म लेकर सबके सामने आएंगे।