जनपद ऊधम सिंह नगर के पांच स्थानों काशीपुर क्षेत्र में स्थित गैस रिसाव से बड़ा हादसा होने से चल गया, आईजीएल, व नैनी पेपर मिल में तत्काल ही राहत बचाव कार्य शुरू किया गया, वहीं रॉकेट इण्डिया, अशोका लीलैंण्ड और टाटा मोटर्स में भी हादसा होने की सूचना पर तत्काल प्रभाव से राहत कार्य शुरू किया गया, घबराएं नहीं ये महज एक मॉकड्रिल था, जो आपदा के समय किसके द्वारा क्या तैयारियां है, उसका एक परीक्षण करना था, जिसके लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर एक साथ जिले के कई स्थानों पर मॉक ड्रिल किया गया, कैसे कैसे रही पूरी मॉक ड्रिल की तैयारी और कैसे हुआ बचाव कार्य पढे पूरी खबर। आईजीएल व नैनी पेपर मिल्स में तथा पन्तनगर में रॉकेट इंडिया, टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड में केमिकल (इंडस्ट्रियल) डिजास्टर पर आधारित मॉक ड्रिल किया गया। टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, नैनी पेपर्स में ऑनसाइड तथा आईजीएल, रॉकेट इंडिया में ऑनसाइड व ऑफसाइड मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
आईजीएल काशीपुर से मिथाइल ऑक्साइड गैस रिसाव के कारण आगजनी होने, तथा रॉकेट इंडिया से क्लोरीन गैस रिसाव तथा अशोक लीलैण्ड तथा टाटा मोटर्स में प्रोपेन गैस व नैनी पेपर्स लि0 में क्लोरीन गैस रिसाव की सूचना प्राप्त होने पर जिलाधिकारी के निर्देशन में आईआरएस सिस्टम को एक्टिवेट किया गया। काशीपुर में राधे हरि स्नातकोत्तर महाविद्यालय को तथा रुद्रपुर में पुलिस लाइन को स्टेजिंग एरिया बनाने के साथ डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम सभागार को इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर बनाया गया। इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में में कमांड पोस्ट, कमाण्ड स्टाफ, लॉजिस्टिक सेक्शन, प्लानिंग सेक्शन, ऑपरेशन सेक्शन बनाने के साथ ही साइडों पर संचालित गतिविधियों को देखने तथा दिशा-निर्देशन को दो तरफा ऑनलाइन संवाद की व्यवस्था प्रोजेक्टर के माध्यम से की गई। आईजीएल में मिथाइल ऑक्साइड गैस रिसाव होने की सूचना 12ः10 बजे प्राप्त होने पर फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस तथा एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर भेजा गया। टीमों ने आईजीएल की सेफ्टी टीम के साथ मिलकर रेस्क्यू अभियान चलाया। रेस्क्यू अभियान में 08 प्रभावितों को अलग-अलग समय पर रेस्क्यू कर 04 एम्बुलेंस के माध्यम से एलडी भट्ट चिकित्सालय भेजा गया। गैस लीकेज रोकने के साथ ही रेस्क्यू अभियान 1ः47 बजे समाप्त हुआ। इसी प्रकार रॉकेट इंडिया में क्लोरीन गैस के लीक होने तथा लगभग 50 व्यक्तियों के गैस के प्रभाव में आने की सूचना मिलने पर एनडीआरएफ, सिडकुल पुलिस चौकी से पुलिस, फायर टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही 05 एम्बुलेंस टीमें घटना स्थल पर भेजी गई। रेस्क्यू अभियान में, 08 व्यक्तियों को सुरक्षित तथा 10 प्रभावितों को अलग-अलग समय पर रेस्क्यू कर 05 एम्बुलेंस के माध्यम से जिला चिकित्सालय भेजा गया। गैस लीकेज रोकने के साथ ही रेस्क्यू अभियान 1ः47 बजे समाप्त हुआ।
इमर्जेन्सी में अनावश्यक भीड़ न हो और प्रभावित को बिना किसी बाधा के उपचार मिल सके तथा तीमारदारों सहित सभी को सही से जानकारी प्राप्त हो,इसके लिए चिकित्सालय में सूचना व्यवस्था हेतु अलग से व्यवस्था की गई थी। अशोक लीलैण्ड, टाटा मोटर्स में प्रोपेन गैस, नैनी पैपर्स में ऑन साइड गैस रिसाव की सूचना प्राप्त हुई थी, जिसे कम्पनी की सैफ्टी टीम द्वारा कन्ट्रोल कर लिया गया। मॉकड्रिल में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित आईआरएस से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। डिब्रीफिंग के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि केमिकल आपदा से होने वाली दुर्घटनाओं से निपटने के लिए मॉकड्रिल आयोजित की गई। जिसका मुख्य उद्देश्य किसी भी केमिकल आपदा के दौरान घायल एवं चोटिल व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना, सभी एजेंसियों का रिस्पांस चेक करना व सभी स्टेक होल्डर्स के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना है। इसके साथ ही मॉक अभ्यास द्वारा खोज, राहत एवं बचाव कार्य के संचालन में आने वाली कमियों की समीक्षा कर, उन्हें दूर करना भी है। जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि समय-समय पर जनपद की सभी छोटी-बड़ी औद्योगिक ईकाईयो को मौक अभ्यास किया जाना अनिवार्य है, जिससे कि संभावित आपदा के दौरान वह अपनी पर्याप्त तैयारियां कर सकें। जिलाधिकारी ने सभी रासायनिक आपदाओं से जुड़ी औद्योगिक इकाईयों को यह भी निर्देश दिये कि अपने क्षेत्रान्तर्गत जहां भी संभावित आपदा हो सकती है, वहां पर निवास करने वाली जनता को भी निश्चित समयान्तराल पर रासायनिक आपदा के सम्बन्ध में जागरूक किया जाये तथा रासायनिक आपदाओं से बचने के उपाय तथा सहायता भी प्रदान की जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि मॉकड्रिल का आयोजन होने वाली संभावित कमियों में सुधार के लिए ही किया जाता है। राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के विशेषज्ञ श्री बीबी गणनायक द्वारा भी मॉकड्रिल में सभी अधिकारियों को उनके दायित्वों से सम्बन्धित कार्यों एवं उनके द्वारा भरे जाने वाले आईआरएस फॉर्म की जानकारी ली गई तथा मॉकड्रिल में सभी इण्डस्ट्रियों को यह भी बताया कि किस प्रकार यदि कोई ऑनसाइड इमर्जेन्सी, ऑफसाइड इमर्जेन्सी में परिवर्तित होती है तो किस प्रकार प्रशासन से संवाद स्थापित करना चाहिए और आवश्यकतानुसार किस प्रकार मदद लेनी चाहिए। अन्त श्री गणनायक ने मॉकड्रिल को एक सफल मॉकड्रिल कहते हुए भविष्य में भी इस प्रकार की बड़े मॉक अभ्यास करने के लिए कहा।