जनपद ऊधम सिंह नगर भाजपा जिला अध्यक्ष शिव अरोरा कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से राज्य में नजूल नीति लागू होने और हजारों परिवारों को नजूल भूमि पर मालिकाना हक़ मिलने का रास्ता साफ़ हो गया है। अरोरा ने कहा कि अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विशेष वार्ता कर अति निर्धन व गरीब लोगों को निशुल्क मालिकाना हक दिया जाने, पूर्व नीति के तहत जिन कब्जाधारकों के सर्किल रेट का 25 प्रतिशत शुल्क जमा है उन्हें पुराने रेट पर ही मालिकाना हक दिया जाने और जिन कब्जेदारों की मृत्यु हो गई है उनके वारिस को मालिकाना हक दिए जाने को आग्रह किया जायेगा।
एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए अरोरा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में हजारों परिवार नजूल भूमि पर बरसों से निवास कर रहे हैं। विशेषकर रुद्रपुर की विभिन्न बस्तियों में 22,000 से अधिक परिवार पिछले 30 से 40 वर्षों से रहते हैं जिसमें से अधिकांश अति निर्धन लोग हैं। उन सब को मालिकाना हक देने हेतु सरकार द्वारा नजूल नीति लाई गई थी। लेकिन नजूल नीति के विरुद्ध कुछ लोगों द्वारा उच्च न्यायालय में दायर याचिका के आधार पर न्यायालय ने नजूल नीति को खारिज करते हुए नजूल नीति बनाने पर भी साल 2018 को रोक लगा दी थी। इसके बाद न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध भाजपा की राज्य सरकार द्वारा विशेष अनुमति याचिका लगाई गई।
राज्य सरकार के प्रयास से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फरवरी 2019 को यथास्थिति का आदेश जारी कर दिया गया जिससे हजारों नजूल पर बसे परिवार उजड़ने से बच गए। लेकिन मालिकाना हक पर रोक जारी रही। इसके बाद पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन पर राज्य सरकार द्वारा तत्काल सुनवाई हेतु उच्चतम न्यायालय में याचिका लगाई गई। इसके चलते शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के निर्णय देकर उच्च न्यायालय के आदेश पर स्टे दे दिया गया। अब राज्य सरकार के लिए नयी नीति लाने अथवा पुरानी नीति बहाल करने का विकल्प खुल गया है| मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में नई नजूल नीति लाने का कैबिनेट प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। आगामी विधानसभा सत्र में नजूल विधेयक लाकर मालिकाना हक देना आरंभ कर दिया जाएगा।