उत्तराखंड में लगातार हो रहे भर्ती घोटाले को लेकर प्रदेश की राजनीति गर्म है। पिछले दिनों कांग्रेस कार्यकाल में हुए दारोगा भर्ती घोटाले की जांच के बाद सरकार ने 20 दारोगा को निलंबित कर दिया। वहीं कांग्रेस भर्ती घोटाले की जांच को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि आरोपी पकड़े जाते और फिर बेल पर बाहर आ जाते हैं जिसके कुछ समय बाद भाजपा सरकार मामले को रफा-दफा कर देती है।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने कांग्रेस कार्यकाल में हुए दारोगा भर्ती घोटाले की विजिलेंस जांच कराते हुए 20 दारोगाओं को निलंबित किया है। जिसको लेकर प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है। दारोगा भर्ती घोटाला को लेकर हुई कार्रवाई पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधायक सुमित हृदयेश ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। दारोगा भर्ती घोटाले में धामी सरकार की कार्रवाई पर यशपाल आर्य ने कहा कि हम जांच से कब मना कर रहे हैं। सभी भर्ती घोटालों की जांच होनी चाहिए लेकिन जो जांच के नतीजे निकले हैं। जो उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में भारी भर्ती घोटाला हुआ है और पेपर लीक हुए हैं। अपराधियों को गिरफ्तार किया उनको जेल भेजा गया और फिर बेल मिल गई। जिसके बाद मामले को रफा दफा करने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार करेगी, ऐसा मेरा विश्वास है।
वहीं हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कोई भी घोटाला हो चाहे कांग्रेस कार्यकाल में हो या बीजेपी कार्यकाल में उसकी जांच होनी चाहिए। इसके लिए विपक्ष उनके साथ खड़ा है। सरकार को चाहिए कि जो भी घोटाले हुए हैं उसका दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए कांग्रेस किसी भी भर्ती घोटाले का समर्थन नहीं करती है। जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करें। सरकार को पूरे मामले की सीबीआई से जांच करानी चाहिए। जो भी दोषी है उनको भी गिरफ्तारी किया जाना चाहिए। हृदयेश ने कहा भाजपा सत्ता के नशे में चूर है। वह जो भी करना चाहे, वह कर सकते हैं लेकिन आने वाले समय में इस बात का जवाब जनता अच्छे तरीके से सिखाएगी। उत्तराखंड सरकार में विधायक, मंत्री सभी एक ही पटल पर चलने वाले हैं। इसलिए सरकार जो भी जांच कराना चाहे, वह करा सकती है। कांग्रेस पूरी तरह जांच के पक्ष में खड़ी है और जो भी दोषी होगा उसको बख्शा नहीं जाना चाहिए।