केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को उत्तराखंड के बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस बीच, सर्वाधिक प्रभावित कुमाऊं क्षेत्र में संपर्क बहाल करने और संवेदनशील इलाकों से लोगों को बाहर निकालने के प्रयासों के बीच राहत एव बचाव कार्य जारी है। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट और राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत के साथ शाह यहां जीटीसी हेलीपैड से हेलीकॉप्टर से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया। गृह मंत्री अमित शाह कल रात ही दून पहुंच चुके थे। दून पहुंचने के बाद आज सुबह वह हवाई सर्वेक्षण के लिए देहरादून से रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हवाई सर्वेक्षण कर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी थे। हवाई सर्वेक्षण के बाद केंद्रीय गृह मंत्री जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह में अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। बता दें प्रदेश में रविवार से अतिवृष्टि व भूस्खलन के कारण बड़े पैमाने पर जानमाल को नुकसान पहुंचा है। आपदा में 53 लोगों की जान गई है तो बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंची है। आपदा के बाद से ही केंद्र सरकार राज्य की स्थिति पर निगाह बनाए हुए है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 16 तारीख को भारत सरकार की तरफ से राज्य को चेतावनी जारी की गई थी, जिसके बाद सीएम धामी ने सूझबूझ के साथ हालातों को देखा. इसके साथ ही सभी एजेंसियों ने समय से काम पूरा किया. एनडीआरएफ, आर्मी, एसडीआरएफ सभी बारिश आने से पहले अलर्ट मोड पर रहे. एनडीआरएफ की 17 टीमें, एसडीआरएफ की 7 टीमें, पीएसी की 15 कंपनियां और 5000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, राज्य में आपदा के कारण अबतक 64 लोगों की मौत हुई है और 11 से अधिक लोग अभी लापता हैं। दो ट्रैकिंग टीम के लोग भी लापता हैं. पहले अलर्ट हो जाने से चारधाम यात्रियों को नुकसान नहीं पहुंचा है. सभी यात्रियों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर रोका था. राहत की बात है कि किसी यात्री की मौत नहीं हुई. 3500 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।