कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने आज कांग्रेसियों के साथ संजय नगर में बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना इसके बाद उन्होंने डीएम रंजना राजगरू से मुलाकात की और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपकर भीषण आपदा से प्रभावित हुए लोगों को नुकसान मुआवजा देने की मांग की।
आपको बता दे पिछले दिनों प्रदेश में आए जल प्रलय से हुए नुकसान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने सरकार से आपदा पीड़ितों को 10 हजार की राहत राशि देने, मृतकों के परिजनों को 10 लाख व किसानों को 50 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से फसल नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। इस मौके पर हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश में जल प्रलय से अनेक बस्ती, कालोनियां और ग्रामीण क्षेत्रों में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं. भारी जानमाल का नुकसान हुआ है. लोगों के घरों का राशन, नकदी, कपड़े, आभूषण सब पानी में बह चुके हैं. ऐसे में उन्होंने शासन से तत्काल 10 हजार प्रति परिवार फौरी आर्थिक सहायता मुहैया करवाने की मांग की है. साथ ही नुकसान का आकलन कर मुआवजा देने को भी कहा है। हरीश रावत ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जिन गरीब परिवारों के किसी सदस्य की हादसे में मौत हुई है, उन्हें 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए. साथ ही पालतू जानवरों की भी हादसे में मौत हुई है, उन्हें भी आकलन कर मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि जल प्रलय से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। ऐसे में किसानों को 50 हजार प्रति हेक्टेयर मुआवजा देना चाहिए।
वही कांग्रेस नेताओं ने कहा कि किसानों की धान की फसलों का भी भारी नुकसान हुआ है जिसका सर्वे कराकर किसानों को 50000 प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए जिससे किसान अपने परिवार का भरण पोषण कर सके अन्यथा किसान भुखमरी के कगार पर आ जाएगा और आत्महत्या को मजबूर होगा। साथ ही कहा कि देवी आपदा में व्यापारियों का भी भारी नुकसान हुआ है जिसमें व्यापारियों की दुकानों में रखा सारा सामान पानी में भीग कर खराब हो चुका है जिससे व्यापारी की कमर टूट चुकी है। व्यापारियों के नुकसान का भी आकलन कर उनको भी मुआवजा दिया जाए और उनके द्वारा जो बैंकों से )ण लिया गया है उसका ब्याज भी माफ किया जाए और उनकी वसूली पर भी रोक लगाई जाए व निगम की तहबाजारी व किराए के वसूली पर रोक लगाकर उसको भी माफ किया जाए।