जनपद ऊधम सिंह नगर के पंतनगर क्षेत्र में अवैध शराब कारोबारियों के हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्हें ना तो पुलिस का खौफ है और ना ही लोगों के जीवन की परवाह। हालात यह हैं कि नशेडी आए दिन क्षेत्र में उत्पात मचाने के साथ ही महिलाओं के साथ अभद्रता करने से भी नहीं कतराते हैं। सबसे ज्यादा खराब हालात पंतनगर के नगला और लालकुआं के बिन्दुखत्ता क्षेत्र में हैं। यहां शराब कारोबारी खासे संख्या में एक्टिव दिखाई देते हैं। ये लोग अंग्रेजी और देशी के साथ ही कच्ची शराब का कारोबार भी बेखौफ करते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यह दोनों ही क्षेत्र कोतवाली और थानों के आसपास ही हैं तो आंखिर क्यों पुलिस इनके खिलाफ कार्यवाही करने से बचती है। आखिर किसी शह पर यह कारोबार चलता है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस इनको अपना संरक्षण दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि शराब कारोबारी कच्ची शराब बेचकर अपना तो मुनाफा कमा रहे हैं लेकिन युवा पीढ़ी के जीवन से खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो पिछले साल 2020 को अप्रैल माह में कोरोनाकाल के दौरान शाम साढ़े सात बजे ग्राम जवाहरनगर के मुख्य मार्ग पर प्रधान पति ललित काण्डपाल के नेतृत्व में अनेक ग्रामीणों ने क्षेत्र में चल रहे शराब कारोबार का विरोध करते हुए माफियाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश करने पर रोका तो उक्त दबंग माफियाओं ने प्रधान पति ललित काण्डपाल और अमर उजाला के पत्रकार गोपाल सिंह सजवाण पर प्राणघातक हमला कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और जांच की, लेकिन नतीजा वैसे का वैसे ही रहा। अब ग्रामीणों ने फिर से चेताया है कि अगर क्षेत्र में शराब का अवैध कारोबार बंद नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि उक्त शराब कारोबारियों पर पहले भी कई प्रकार के मुकदमे दर्ज हैं और इनके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत भी कार्यवाही हुई है बावजूद इनके हौंसले बुलंद है। ग्रामीणों ने इसके लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
Vikas Kumar Verma
संपादक