उत्तराखंड में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जो उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। नया मामला ऊधम सिंह नगर से सामने आया है। जहां पर एक छोटी सी गलती के कारण दो व्यक्तियों ने अपनी जमा पूंजी गवां दी है। पीड़ित अब पुलिस के पास मदद मांगने के लिए पहुंचा ताकि आरोपी सालाखों के पीछे जा सके और उन्हें उनकी रकम वापस मिल सके।
मामला ऊधम सिंह नगर के दिनेशपुर थाने में दर्ज हुआ है। पुलिस ने पीड़ितों की तहरीर के आधार पर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पहला मामला गायत्री बिहार फेस 1 काली नगर निवासी जगदीश सिंह का है। उन्होंने पुलिस को बताया कि बीती 16 जनवरी को उसके मोबाइल पर पर एक्सिस बैंक के क्रेडिट कार्ड का अधिकारी बन किसी अज्ञात व्यक्ति ने कॉल किया। आरोपी ने जगदीश सिंह से पुराना क्रेडिट कार्ड बंद कर नया क्रेडिट कार्ड चालू करने की बात कही। आरोपी ने इसके लिए जगदीश सिंह से उनके मोबाइल पर आया ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) मांगा। जगदीश सिंह ने भी देरी किए बिना आरोपी को ओटीपी नंबर बता दिया। इसके बाद कुछ देरी बात ही उनके क्रेडिट कार्ड से करीब 71 हजार रुपए कट गए. खाते से 71 हजार रुपए जाने के बाद जगदीश सिंह को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ। उन्होंने ने साइबर थाने में मामले की शिकायत की है। वहीं साइबर ठगी का दूसरा मामला लोन से जुड़ा है यहां पर लोन के नाम पर एक व्यक्ति को करीब 58 हजार की ठगी की गई है। पीड़ित अजय सिकदार ने इस मामले में पुलिस को तहरीर दी है। अजय सिकदार ने बताया कि उन्होंने फेसबुक में लोन देने संबंधी धनी-पे और बजाज फाइनेंस का विज्ञापन देखा था जिससे बाद उन्होंने लोन लेने के लिए उस विज्ञापन पर बताए गए दिशा-निर्देश के अनुसार अप्लाई भी कर दिया। अजय के मुताबिक लोन अप्लाई करने के बाद उनके मोबाइल पर लोन कंपनी के अधिकारी की फोन आया और उसने कुछ दस्तावेज मांगे। दोनों कंपनियों ने फाइल चार्ज, जीएसटी और एनओसी के नाम पर अजय से करीब साढ़े चार लाख रुपए की ठगी कर ली। इसके बाद भी अजय को लोन नहीं मिली. अजय ने कॉल कर उन लोगों से अपने पैसे वापस मांगे तो वो बहाना बनाने लगे। इसके बाद अजय को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ।