उत्तराखंड के जनपद ऊधम सिंह नगर के काशीपुर और बाजपुर ब्लॉक में अगले धान सीजन में विदेशों में सप्लाई होने वाले बासमती धान का उत्पादन किया जाएगा। इसके लिए कृषि विभाग तैयारियों में जुटा हुआ है। जनपद में गुणवत्ता युक्त धान उगाने में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम किसानों की मदद करेगी। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो धान के अगले सीजन में उत्तराखंड के जनपद ऊधम सिंह नगर में पैदा होने वाला बासमती चावल विदेशों में अपनी महक बिखेरेगा। इसके लिए कृषि विभाग विभिन्न तैयारियों के साथ बासमती के उत्पादन के लिए काशीपुर ब्लॉक व बाजपुर ब्लॉक का चयन भी कर लिया है।
आपको बता दे दरअसल भारत सरकार की योजना फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन ( एफपीओ ) के तहत जनपद के बासमती धान को पुनर्जीवित किया जा रहा है। ताकि एक बार फिर जिले का प्रसिद्ध धान विदेशों में सप्लाई हो सके। इसी योजना के तहत किसानों की एक कमेटी का गठन भी किया गया है साथ ही कंपनी एक्ट में उनका रजिस्ट्रेशन भी कर दिया गया है। यही नहीं जानकारी के अनुसार एक्सपोर्टर्स के साथ किसानों की बैठक भी करा दी गई हैऔर बासमती के तीन वैरायटी के उत्पादन के लिए 500 हेक्टेयर भूमि चयनित की भी की गई है। बासमती की यही 3 वैरायटी की धान को ऊधम सिंह नगर के काशीपुर और बाजपुर ब्लॉक में पहले किसान उत्पादन किया करते थे। चूंकि बासमती धान उत्पादन करने में किसानों को लागत कम मिलती है इसके कारण किसानों ने धान का उत्पादन बंद कर दिया था। मौजूदा समय में 50 से 100 हेक्टेयर भूमि पर ही बासमती धान की खेती की जाती है। अब कृषि विभाग इन दोनों क्षेत्रों में लगभग 400 हेक्टेयर भूमि पर बासमती की तीन प्रजातियों को उगा कर एक्सपोर्ट करने की रणनीति तैयार कर रहा है. जिसमें पूषा बासमती 1692, 1121,1509 शामिल हैं।
इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार बासमती का उत्पादन कर एक्सपोर्ट के मानकों में खरा उतरने के लिए बाजपुर और काशीपुर के किसानों को पंतनगर कृषि विश्विद्यालय में ट्रेनिंग देगा। कम पेस्टिसाइड का प्रयोग करते हुए कैसे गुणवत्ता युक्त धान की पैदावार की जाए इसको लेकर वैज्ञानिक किसानों को ट्रेनिंग देंगे।