स्कूल मे जाते ही बच्चे करने लगते हैं अजीब बर्ताव और फिर हो जाते हैं बेहोश, क्या किसी बीमारी का है असर या फिर किसी भूत प्रेत की आत्मा का है साया, जी हां उत्तराखंड के इस पहाड़ी स्कूल में आज कल बडी हलचल मची है, लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतरा रहे हैं, क्योंकि स्कूल जाने के बाद बच्चे बेहोश होकर ही निकलते हैं स्कूल से बाहर, आखिर क्या है इस स्कूल में बच्चों के बेहोश होने और अजीब बर्ताव करने का रहस्य, देखिये हमारी ये रिपोर्ट।
सुबह होते ही सामान्य रूप से बच्चे स्कूल गए और फिर दिन के समय अचानक एक के बाद एक बच्चा बेहोश होने लगा, जिनको सामान्य रूप से अध्यापकों ने उपचार देकर घर भेज दिया, लेकिन ये सिलसिला एक दिन का नहीं था, ये सिलसिला लगातार होने लगा, बच्चों के लगातार बेहोश होने और उनकी अजीबो गरीब हरकत देख ्ब विद्यालय प्रबन्धन भी हैरान है, क्योकि अब तक कई दर्जन बच्चे बेहोश हो चुके है, आलम ये है कि लोग इस खौफ के चलते बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतरा रहे है, यही नहीं बच्चों के बेहोश होने का सिलसिला तो नहीं टूटा लेकिन अब अफवाहों का बाजार इतना गर्म है कि लोग इसे किसी भूत प्रेत के काले साये से जोडते हुए, बच्चों की झाड़ फूस कराने से भी गुरेज नहीं कर रहे है। दरअसल ये पूरा मामला चम्पावत जिले के दूरस्थ रीठा साहिब जीआईसी का है जहां दो दिनों से छात्र व छात्राएं सामूहिक रूप से बेहोश हो रहे हैं, स्कूल में जिससे खौफ का माहौल है. शिक्षा विभाग का कहना है कि मास हिस्टीरिया से बच्चों में इस प्रकार की प्रवृत्ति आ रही है। हालांकि शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से स्कूल में जाकर छात्रों की काउंसलिंग की मांग की है।
स्कूल में तीन छात्रों समेत 24 छात्राओं के बेहोश होने का मामला सामने आते ही हलचल मच गई है, इसके बाद बुधवार को भी पांच छात्राएं चीखने- चिल्लाने के बाद अजीब सा बर्ताव करने लगीं। इन दो दिनों में स्कूल में अलग-अलग कक्षाओं की 26 छात्राएं और तीन छात्र अचेत हुए हैं। पूर्व बीडीसी सदस्य कुंदन सिंह बोहरा ने बताया कि मंगलवार को इंटरवल के बाद नौंवी से इंटर तक की 24 छात्राएं चिल्लाने और रोने लगीं। स्कूल के स्टाफ ने अचेत हुईं छात्राओं को जब पानी पिलाया। तब जाकर वो होश में आईं। बुधवार को पांच छात्राएं फिर बेहोशी की हालत में चली गई। इससे स्कूल का स्टाफ भी घबरा गया। इससे पूर्व जीआईसी रमक और पार्टी के स्कूल में ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं। शिक्षा विभाग के मुताबिक मास हिस्टीरिया के लक्षणों से इस प्रकार की बेहोशी आ जाती है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से स्कूल में जाकर सभी बच्चों की गंभीरता से काउंसिलिंग करने का अनुरोध किया है।
सीईओ जितेंद्र सक्सेना ने कहा है कि, रीठा साहिब जीआईसी में दो दिन में 29 छात्राओं और तीन छात्रों को दौरे पड़े हैं। ये दौरे हिस्टीरिया जैसे हैं। छात्रा-छात्राओं को समझाने के अलावा काउंसलिंग और इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया गया है। वहीं सीएमओ डॉ.केके अग्रवाल ने कहा है कि रीठा साहिब के जीआईसी में छात्राओं के अलावा कुछ छात्रों में हिस्टीरिया की शिकायत मिली है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को स्कूल में काउंसलिंग के लिए भेजा जाएगा। बहरहाल स्कूल में लगातार हो रही इस अनोखी घटना से जहां खौफ का माहौल है, वहीं इस अजीब सी बीमारी से लोग दहशत में है, अब अगर ये बीमारी है तो उपचार कैसे हो, लेकिन लोगों का जिस तरीके से स्कूल में बच्चों को भेजने को लेकर अंधविश्वास पनपने लगा है, उससे खौफ का माहौल भी बनता जा रहा है, बहरहाल ये अजीबो गरीब घटना क्यों हो रही ये तो पता नहीं लेकिन जो हो रहा है वो बेहद ही खौफनाक जरूर है।