प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति उत्तराखंड इस बार प्रदेश के विधानसभा चुनाव में खेला करने के साफ संकेत दे दिए हैं। प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति राष्ट्रीय पार्टियों से अपने समुदाय के लोगों को टिकट देने की मांग कर रही है टिकट ना देने पर बंगाली कल्याण समिति समुदाय से निर्दलीय प्रत्याशी उतारकर विधानसभा चुनाव में खलबली और खेला करने की पूरी रणनीति तैयार कर रही है।
प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति बंगाली बहुल क्षेत्र में अपने समुदाय से बंगाली प्रत्याशियों को टिकट देने की मांग कर रही है समिति के लोगों की मांग है कि आगामी विधानसभा चुनाव में जिले के सितारगंज, गदरपुर और रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र से बंगाली समाज के नेताओं को टिकट मिले। बीते कुछ दिनों से बंगाली कल्याण समिति जनपद ऊधम सिंह नगर के दिनेशपुर और शक्तिफार्म में समुदाय के वरिष्ठ जनों और राष्ट्रीय पार्टियों से ताल्लुक रखने वाले कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर टिकट की दावेदारी का आकलन किया है। जानकारी के अनुसार समिति से जुड़े लोगों और प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति के अध्यक्ष का कहना है कि ऊधम सिंह नगर जनपद में सितारगंज विधानसभा क्षेत्र के शक्तिफार्म, गदरपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनेशपुर एवं रुद्रपुर बंगाली बहुल क्षेत्र है। तीनों सीटों में बंगाली समाज से राजनीती करने वालो को बंगाली कल्याण समिति टिकट दिलाने में सहयोग और समर्थन करेगी। गांगुली ने कहा कि हम सियासी तौर पर समाज के लोगों को आगे बढ़ाते हुए विधानसभा भेजना पड़ेगा। तभी बंगाली समाज को सही रूप में दशा और दिशा मिल पाएगी। गांगुली का मानना है लंबे समय से राष्ट्रीय दलों में बंगाली समुदाय की अहम भूमिका के साथ तीनों विधानसभा में समुदाय निर्णायक भूमिका में है लेकिन एक दो बार को छोड़ दिया जाए तो बंगाली समुदाय से जुड़े लोगों को प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिलता है और समुदाय के वोट बैंक को सिर्फ राजनीतिक पार्टी अपने हितों के लिए इस्तेमाल करती है। उन्होंने साफ़ किया है कि इस बार प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति राष्ट्रीय दलों से टिकट की मांग करता है अगर राष्ट्रीय दलों की ओर से बंगाली समुदाय के लोगों को टिकट नहीं दिया जाता है तो प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति इस बार तीनों ही विधानसभा में निर्दलीय प्रत्याशी उतारकर हर संभव मदद करेगा। गांगुली ने कहा कि बंगाली कल्याण समिति अपने प्रत्याशी को तन मन धन सहयोग करेगा ताकि समुदाय से प्रतिनिधित्व करने वाला नेता आगे आकर समाज को नई दिशा और दशा दे पाए।