आप नेता नंदलाल प्रसाद के एचपी कंपनी और मजदूरों के मामले में निस्तारण होने के बयान को एचपी मजदूर संघ ने सिरे से नकारते हुए उनके बयान को गलत बताया है दरसल आप नेता नंदलाल प्रसाद ने एक निजी चैनल के लाइव डिबेट शो पर एचपी कंपनी के कर्मचारियों के हड़ताल का मुद्दा जोरो शोरो से उठाया था। जिसके बाद भाजपा नेता की पहल पर मामला में प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री धामी ने संज्ञान लेते हुए उच्च अधिकारियों को निस्तारण के आदेश जारी किए थे। लेकिन आप नेता नंदलाल ने एक बयान के माध्यम से मुख्यमंत्री के आदेश का स्वागत करते हुए मामले के निस्तारण की बात कहते हुए अपना एक बयान जारी कर दिया था। जब बयान प्रकाशित होने के बाद एचपी कंपनी के मजदूरों तक पहुंचा तो उन्होंने नंदलाल के बयान में काही हुई निस्तारण की बात को सिरे से खारिज कर दिया । एचपी मजदूर संघ महामंत्री भवान सिंह ने कहा की एचपी मजदूर संघ के बैनर तले एचपी मजदूर 185 कर्मचारी अपने हितों की लड़ाई पूर्व की भांति अभी भी लड़ रहा है मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद आज 22 नवंबर 2021 को हमारी वार्ता लेबर कमिश्नर और सहायक लेबर कमिश्नर महोदय के समक्ष हल्द्वानी में प्रबंधन के साथ हुई तथा लेबर कमिश्नर के आदेशानुसार प्रबंधन को एक हफ्ते में दो बार द्विपक्षीय वार्ता के लिए कहा गया है जिस पर प्रबंधन पक्ष ने अपनी सहमति प्रदान की है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में मज़दूरों को बेरोजगार कर राज्य से पलायन करने वाली अमेरिका की प्रख्यात कंपनी एचपी ने ऊधम सिंह नगर के पंतनगर रुद्रपुर सिडकुल से अपना प्लांट पूरी तरह से बंद कर दिया है और कंपनी प्रबंधन ने उत्पादन नहीं होने का हवाला देते हुए राज्य के श्रम सचिव को बंदी का नोटिस जारी कर दिया जिससे कंपनी का गेट मजदूरों के लिए हमेशा के लिए बंद हो गया । एचपी इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का औद्योगिक संस्थान 2007 से पंतनगर सिडकुल में स्थापित है। एक सितंबर को प्रबंधन द्वारा अचानक कंपनी बंदी का अंतिम नोटिस बिना किसी पूर्व सूचना के कंपनी के सूचना पट्ट पर लगा दिया गया। जिसके विरोध में 185 कर्मचारी कई महीनों से आज तक धरना दिये हुए है।
आपको बता दे लैपटॉप-डेस्कटॉप, कंप्यूटर पार्ट्स और प्रिंटर बनाने वाली अमेरिकी कंपनी हैवलैट पैकर्ड (एचपी) पंतनगर औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल के सेक्टर 5 में स्थित है। कंपनी द्वारा प्लांट बंद करने की मंशा से प्लांट में छँटनी के लिए वीआरएस स्कीम लागू हुई, फिर कुछ श्रमिकों को चेन्नई स्थित नए प्लांट में भेजा गया। स्थाई श्रमिकों को सवैतनिक अवकाश देकर लगातार बैठाया गया। एचपी इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का औद्योगिक संस्थान 2007 से पंतनगर सिडकुल में स्थापित है। 1 सितंबर को कंपनी के सूचना पट्ट पर प्रबंधन द्वारा अचानक कंपनी बंदी का अंतिम नोटिस बिना किसी पूर्व सूचना व बिना यूनियन से विचार विमर्श किए पर लगा दिया गया। तबसे मज़दूरों का संघर्ष जारी है। लैपटॉप-डेस्कटॉप, कंप्यूटर पार्ट्स और प्रिंटर बनाने वाली अमेरिकी कंपनी हैवलैट पैकर्ड (एचपी) पंतनगर औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल के सेक्टर 5 में स्थित है। जानकारी के अनुसार कंपनी द्वारा 1 सितंबर, 2021 को उत्तराखंड के श्रम सचिव को भेजे गए नोटिस में लिखा है कि एचपी इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। कंपनी में 31/10/2021 से औद्योगिक प्रतिष्ठान को बंद करने का निर्णय लिया है। नोटिस के अनुसार यह निर्णय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की उभरती स्थिति एवं प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल के परिपेक्ष में लिया गया है, जिसमें एचपी प्रबंधन अपने निर्माण संचालन का सर्वोत्तम उपयोग एवं सुदृढ़ीकरण करके लॉजिस्टिक एवं कीमतों में दक्षता को सक्रियता के साथ उपयोग करने को बाध्य हुआ है।
वही पिछले लम्बे समय से अपनी हक़ की मांगो को लेकर लड़ाई लड़ने वाले मजदूरों की माने तो यह नोटिस पिछले दिनों कंपनी द्वारा रचित एक साजिश के परिणाम के रूप में देखा जा सकता है। क्योंकि उत्तराखंड में लागू उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत 300 श्रम शक्ति से कम वाले प्रतिष्ठानों को बंदी के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। इसका फायदा उठाने के लिए कंपनी ने पिछले एक डेढ़ वर्षों के दौरान श्रम शक्ति को तरह-तरह से कम करने का काम किया। इस बीच कंपनी द्वारा छँटनी के लिए स्कीम जारी करने से लेकर लगातार सवेतन अवकाश, स्थानांतरण, ठेका श्रमिकों की छँटनी की प्रक्रिया चलाया गया। इधर कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने पर श्रमिकों की छुट्टी पर भेज दिया । इस नोटिस के जरिए उसने बताया कि कंपनी द्वारा नियोजित कामगारों की संख्या इस नोटिस की तारीख से पिछले 12 महीनों में औसत कार्य दिवस पर 198 है। इस नोटिस की तारीख से पिछले 12 महीने में आवश्यक कार्य दिवस पर कंपनी के औद्योगिक प्रतिष्ठान में तैनात ठेकेदारों के द्वारा तैनात कामगारों की संख्या 86 है। बंद होने से कंपनी के प्रभावित कामगारों की संख्या 185 है। इस तरीके से उसने 300 से कम श्रम शक्ति की संख्या दिखलाकर बंद करने के कानूनी औपचारिकता से भी अपने आप को मुक्त कर लिया। नोटिस में कर्मचारियों को 2 सितंबर से 31 अक्टूबर तक के वेतन के साथ अवकाश देने की जानकारी दी गई है। इस दौरान कंपनी का संचालन पूरी तरह बंद रहेगा। औपचारिक रूप से 31 अक्तूबर से प्लांट बंद हो जाएगा।
आप नेता नंदलाल प्रसाद के एचपी कंपनी और मजदूरों के मामले में निस्तारण होने के बयान को एचपी मजदूर संघ ने सिरे से नकारते हुए उनके बयान को गलत बताया है दरसल आप नेता नंदलाल प्रसाद ने एक निजी चैनल के लाइव डिबेट शो पर एचपी कंपनी के कर्मचारियों के हड़ताल का मुद्दा जोरो शोरो से उठाया था। जिसके बाद भाजपा नेता की पहल पर मामला में प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री धामी ने संज्ञान लेते हुए उच्च अधिकारियों को निस्तारण के आदेश जारी किए थे। लेकिन आप नेता नंदलाल ने एक बयान के माध्यम से मुख्यमंत्री के आदेश का स्वागत करते हुए मामले के निस्तारण की बात कहते हुए अपना एक बयान जारी कर दिया था। जब बयान प्रकाशित होने के बाद एचपी कंपनी के मजदूरों तक पहुंचा तो उन्होंने नंदलाल के बयान में काही हुई निस्तारण की बात को सिरे से खारिज कर दिया । एचपी मजदूर संघ महामंत्री भवान सिंह ने कहा की एचपी मजदूर संघ के बैनर तले एचपी मजदूर 185 कर्मचारी अपने हितों की लड़ाई पूर्व की भांति अभी भी लड़ रहा है मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद आज 22 नवंबर 2021 को हमारी वार्ता लेबर कमिश्नर और सहायक लेबर कमिश्नर महोदय के समक्ष हल्द्वानी में प्रबंधन के साथ हुई तथा लेबर कमिश्नर के आदेशानुसार प्रबंधन को एक हफ्ते में दो बार द्विपक्षीय वार्ता के लिए कहा गया है जिस पर प्रबंधन पक्ष ने अपनी सहमति प्रदान की है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में मज़दूरों को बेरोजगार कर राज्य से पलायन करने वाली अमेरिका की प्रख्यात कंपनी एचपी ने ऊधम सिंह नगर के पंतनगर रुद्रपुर सिडकुल से अपना प्लांट पूरी तरह से बंद कर दिया है और कंपनी प्रबंधन ने उत्पादन नहीं होने का हवाला देते हुए राज्य के श्रम सचिव को बंदी का नोटिस जारी कर दिया जिससे कंपनी का गेट मजदूरों के लिए हमेशा के लिए बंद हो गया । एचपी इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का औद्योगिक संस्थान 2007 से पंतनगर सिडकुल में स्थापित है। एक सितंबर को प्रबंधन द्वारा अचानक कंपनी बंदी का अंतिम नोटिस बिना किसी पूर्व सूचना के कंपनी के सूचना पट्ट पर लगा दिया गया। जिसके विरोध में 185 कर्मचारी कई महीनों से आज तक धरना दिये हुए है।
आपको बता दे लैपटॉप-डेस्कटॉप, कंप्यूटर पार्ट्स और प्रिंटर बनाने वाली अमेरिकी कंपनी हैवलैट पैकर्ड (एचपी) पंतनगर औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल के सेक्टर 5 में स्थित है। कंपनी द्वारा प्लांट बंद करने की मंशा से प्लांट में छँटनी के लिए वीआरएस स्कीम लागू हुई, फिर कुछ श्रमिकों को चेन्नई स्थित नए प्लांट में भेजा गया। स्थाई श्रमिकों को सवैतनिक अवकाश देकर लगातार बैठाया गया। एचपी इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का औद्योगिक संस्थान 2007 से पंतनगर सिडकुल में स्थापित है। 1 सितंबर को कंपनी के सूचना पट्ट पर प्रबंधन द्वारा अचानक कंपनी बंदी का अंतिम नोटिस बिना किसी पूर्व सूचना व बिना यूनियन से विचार विमर्श किए पर लगा दिया गया। तबसे मज़दूरों का संघर्ष जारी है। लैपटॉप-डेस्कटॉप, कंप्यूटर पार्ट्स और प्रिंटर बनाने वाली अमेरिकी कंपनी हैवलैट पैकर्ड (एचपी) पंतनगर औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल के सेक्टर 5 में स्थित है। जानकारी के अनुसार कंपनी द्वारा 1 सितंबर, 2021 को उत्तराखंड के श्रम सचिव को भेजे गए नोटिस में लिखा है कि एचपी इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। कंपनी में 31/10/2021 से औद्योगिक प्रतिष्ठान को बंद करने का निर्णय लिया है। नोटिस के अनुसार यह निर्णय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की उभरती स्थिति एवं प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल के परिपेक्ष में लिया गया है, जिसमें एचपी प्रबंधन अपने निर्माण संचालन का सर्वोत्तम उपयोग एवं सुदृढ़ीकरण करके लॉजिस्टिक एवं कीमतों में दक्षता को सक्रियता के साथ उपयोग करने को बाध्य हुआ है।
वही पिछले लम्बे समय से अपनी हक़ की मांगो को लेकर लड़ाई लड़ने वाले मजदूरों की माने तो यह नोटिस पिछले दिनों कंपनी द्वारा रचित एक साजिश के परिणाम के रूप में देखा जा सकता है। क्योंकि उत्तराखंड में लागू उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत 300 श्रम शक्ति से कम वाले प्रतिष्ठानों को बंदी के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। इसका फायदा उठाने के लिए कंपनी ने पिछले एक डेढ़ वर्षों के दौरान श्रम शक्ति को तरह-तरह से कम करने का काम किया। इस बीच कंपनी द्वारा छँटनी के लिए स्कीम जारी करने से लेकर लगातार सवेतन अवकाश, स्थानांतरण, ठेका श्रमिकों की छँटनी की प्रक्रिया चलाया गया। इधर कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने पर श्रमिकों की छुट्टी पर भेज दिया । इस नोटिस के जरिए उसने बताया कि कंपनी द्वारा नियोजित कामगारों की संख्या इस नोटिस की तारीख से पिछले 12 महीनों में औसत कार्य दिवस पर 198 है। इस नोटिस की तारीख से पिछले 12 महीने में आवश्यक कार्य दिवस पर कंपनी के औद्योगिक प्रतिष्ठान में तैनात ठेकेदारों के द्वारा तैनात कामगारों की संख्या 86 है। बंद होने से कंपनी के प्रभावित कामगारों की संख्या 185 है। इस तरीके से उसने 300 से कम श्रम शक्ति की संख्या दिखलाकर बंद करने के कानूनी औपचारिकता से भी अपने आप को मुक्त कर लिया। नोटिस में कर्मचारियों को 2 सितंबर से 31 अक्टूबर तक के वेतन के साथ अवकाश देने की जानकारी दी गई है। इस दौरान कंपनी का संचालन पूरी तरह बंद रहेगा। औपचारिक रूप से 31 अक्तूबर से प्लांट बंद हो जाएगा।