जनपद ऊधम सिंह नगर के खटीमा ब्लॉक प्रमुख रंजीत सिंह नामधारी के वित्तीय अधिकार समाप्त होने के बाद विकास कार्य संपन्न कराने के लिए निर्वाचित सदस्य समिति की देखरेख में छह टीमों के गठन की कार्यवाही कांग्रेस और भाजपा के बीच हुए हंगामे की भेंट चढ़ गई।
जानकारी के अनुसार ब्लॉक प्रमुख के वित्तीय अधिकार समाप्त होने से लगभग एक करोड़ के विकास कार्य प्रभावित चल रहे हैं। शासन से विकास कार्य संपन्न कराने के निर्वाचित सदस्य समिति के लिए दीपक चंद्र जोशी, पुष्पीना राणा तथा सपना राणा नामित थीं। इनकी देखरेख में बीडीसी सदस्यों की छह समितियां गठित होनी थीं। इसके लिए 21 बीडीसी सदस्य होने थे। 17 दिसंबर को हुई बैठक में कोरम पूरा नहीं हो सका था। शनिवार को पुन: बैठक का कोरम पूरा था। सुबह से गहमा-गहमी का माहौल रहा। 24 सदस्य पूर्व क्षेत्र पंचायत के साथ देर शाम तक ब्लॉक परिसर में मौजूद रहे। शेष निर्वाचित सदस्य समिति एवं उनकी देखरेख में चुनी जाने वाली छह समितियों के गठित करने से पूर्व ही चले गए। निर्वाचित सदस्य समिति के साथ भाजपा के कार्यकर्ता रहे जबकि पुरानी समिति की बहाली के पक्षधर कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ता रहे। फुल्लैया की बीडीसी इमला देवी से भाजपा के समीकरण गड़बड़ा रहे थे। पुरानी समिति बहाली के समीकरण मजबूत हो रहे थे। ब्लॉक सभागार में अपने पति अशोक सिंह के साथ इमला देवी के पहुंचते ही कांग्रेस एवं भाजपा खेमे में खुशी और निराशा का माहौल बन गया। धक्का मुक्की, अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल हुआ। सुरक्षा में लगे सीओ वीर सिंह, एसएसआई अशोक कुमार, संदीप पिलख्वाल आदि के हाथ पांव फूल गए। कोतवाल नरेश चौहान के यहां पहुंचने और भाजपा समर्थित बीडीसी सदस्यों के चले जाने के बाद स्थिति सामान्य हुई। वहां गोपाल बोरा, रविंद्र राणा, दान सिंह राणा, रेखा सोनकर, गौरव सोनकर आदि मौजूद थे।