कोविड के बाद पहली बार जेल में बंद भाइयों को बहनों से मिलने के लिए दो गज की दूरी के नियम का पालन नहीं करना होगा, लेकिन इस बार सुरक्षा पहले से कहीं ज्यादा पुख्ता होगी। इस बार बहनों को भाई का मुंह मीठा कराने का मौका भी मिलेगा, लेकिन जेल की मिठाई से और जेल प्रशासन इसको लेकर तैयारियों में जुट गया है।
बता दें कि हल्द्वानी उप कारागार में इस वक्त कुल 1571 लोग बंद हैं और इसमें कैदी भी हैं और बंदी भी। जबकि महिलाओं की संख्या 91 है। हर बार की तरह इस बार भी रक्षाबंधन के दिन बड़ी संख्या में बहनों के पहुंचने की उम्मीद है और भारी भीड़ के बीच जेल प्रशासन के लिए सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है। वो भी तब जब रक्षाबंधन का पर्व जेल के भीतर मनाया जाएगा। ऐसे में सुरक्षा को देखते हुए जेल प्रशासन ने बाहर से खुली मिठाई लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि लोगों के लिए इतनी सहूलियत है कि वो सील बंद मिठाई ले जा सकते हैं। जेल प्रशासन इस बात पर विचार कर रहा है कि क्यों न जेल की ही रसोई में मिठाइयां बनवाई जाए। एक तो इससे जेल की सुरक्षा पुख्ता होगी और मिठाई की बिक्री से जेल प्रशासन की कमाई भी होगी। इसको लेकर जेल प्रशासन आपस में विचार-विमर्श भी कर रहा है। जेल अधीक्षक प्रमोद पांडेय ने बताया कि सुरक्षा हमारे लिए सर्वप्रथम है और इसी लिए खुली मिठाई को जेल में लाना प्रतिबंधित किया गया है। हम विचार कर रहे हैं, हो सकता है कि जेल की रसोई में ही मिठाई बनाई जाए। जेल अधीक्षक प्रमोद पांडेय ने बताया कि जेल के मैदान में दरी बिछाई जाएगी, जिस पर बैठ कर बहनें अपने अपने भाइयों को राखी बांधेंगी। एक बार में करीब 150 बहनों के जेल में बैठने का इंतजाम किया जा रहा है। जेल में मिलाई रक्षाबंधन के दिन तय समय पर शुरू होगी, लेकिन तब तक चलेगी जब तक आखिरी बहन अपने भाई को राखी नहीं बांध लेती। मिलाई का समय सुबह 10 बजे से शुरू होगा और जबकि मिलाई की पर्चियां सुबह 9 बजे से बनने लगेंगी। बता दें कि आम दिनों में मिलाई सिर्फ 2 बजे तक ही होती है।