सूबे उत्तराखंड में स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए जनता से जो फीडबैक लिया गया है उसमें प्रदेश के लोगों ने कोई खास उत्साह नहीं दिखाया है प्रदेश मुख्यालय के नगर निगम देहरादून की मात्र तीन फीसदी आबादी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए अपना फीडबैक दिया वही सबसे ज्यादा बुरा हाल ऊधम सिंह नगर के जिलामुख्यालय रुद्रपुर नगर निगम का है।
नगर निगम देहरादून में स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए कुल आबादी के महज तीन प्रतिशत लोगों ने सफाई व्यवस्था को लेकर फीडबैक दिया है। पिछले साल के मुकाबले इस बार 94 फीसदी कम लोगों ने फीडबैक दिया है फीडबैक देने में देहरादून पिछले साल जहां पहले नंबर पर रहा था तो इस बार तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। ये स्थिति तब है जब स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान प्रदेश की सभी नगर निगम की टीमों ने सिटीजन फीडबैक करवाने के लिए वार्डों में जाकर लोगों से खुद अपील की और उन्हें स्वच्छता सर्वेक्षण में फीडबैक देने का तरीका भी बताया था लेकिन ओटीपी की जानकारी साझा करने से ज्यादातर लोगों ने इंकार कर दिया हालांकि इसका एक बड़ा कारण ये भी बताया जा रहा है कि जब से सिटीजन फीडबैक लिया जा रहा है तब से अब तक करीब 20 से 25 दिन साइट बंद भी रही है जिसके कारण सिटीजन फीडबैक कम आया है हालांकि सभी नगर निगम की टीम स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है वही केंद्र से दो टीमें भी सर्वे कर चुकी हैं।
सिटीजन फीडबैक का आंकड़ा
नगर निगम 2022 का फीडबैक 2021 का फीडबैक
हरिद्वार 25,268 45,389
काशीपुर 24,810 39,707
देहरादून 18,678 3,20,876
रुड़की 15039 1,25,029
हल्द्वानी 11,124 59,988
रुद्रपुर 10,188 63,096
उत्तराखंड के सबसे बड़े नगर निगम देहरादून में फीडबैक देने वालों की संख्या 18,678 ही पहुंची है जिसमें 18 साल से अधिक आयु के लोग फीडबैक दे सकते थे 2018 में निकाय चुनाव में देहरादून में 06 लाख 28 हजार वोटर थे. इस हिसाब से यह आकड़ा सिर्फ 2.97 प्रतिशत ही है इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक कम आने का सबसे बड़ा कारण ओटीपी जनरेट न होने की समस्या रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक कम आने के दो कारण हैं पहला कारण है कि जब पोर्टल खुला था तो शुरुआत से ही पोर्टल में दिक्कत आ रही थी पोर्टल में ओटीपी जनरेट होने में समस्या आ रही थी जिसकी वजह से सिटीजन के पास ओटीपी नहीं आ रहा था और आने में भी समय लग रहा था इस कारण सिटीजन अपना फीडबैक नहीं दे पा रहे थे दूसरा सबसे बड़ा कारण था कि फीडबैक के समय पर पोर्टल कभी एक-एक हफ्ते से ज्यादा दिनों तक सर्वर डाउन होने के कारण नहीं चल पाया था हालांकि पिछली बार से इस बार फीडबैक कम हैं।