रुद्रपुर। एक तरफ उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार जन-जन तक योजनाओं को पहुंचाने का दावा करती है तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी दफ्तरों पर बैठे अधिकारी सरकार की दावों को खोखला करते दिख रहे हैं। आलम यह है कि योजनाएं तो दूर अधिकारी की आमजन की सुनने को तक तैयार नहीं होते। अभी एक दिन पूर्व ही ऊधम सिंह नगर जिला मुख्यालय पर आपदा प्रभावितों ने सरकार द्वारा दी जा रही राहत सामग्री में गड़बड़ी का आरोप लगाकर हंगामा भी किया था। गौरतलब है कि पिछले दिनों उत्तराखण्ड में हुई मूसलाधार बारिश ने जहां तबाही मचाई वहीं मैदानी इलाकों में जलभराव ने बीमारियों का खतरा भी पैदा कर दिया। रुद्रपुर की बात की जाए तो बारिश के चलते यहां कॉलोनियों में जलभराव हो गया। कई जगहों पर भी अभी भी गंदा पानी भरा पड़ा है। बारिश के चलते गंदगी के ढेर भी इन कॉलोनियों में लग गए। गंदे पानी के एकत्र होने से डेंगू के खतरे से भी इंकार नहीं किया जा सकता। हांलाकि अभी तक यहां डेंगू को लेकर कोई मामला सामने नहीं आया है।
![](https://rudrapurpost.com/wp-content/uploads/2021/10/IMG_20211031_160057-1-1024x720.jpg)
एक तरफ नगर निगम रुद्रपुर द्वारा दावा किया जा रहा है कि शहर में एंटी लारवा, फागिंग और सफाई व्यवस्था की जा रही है, लेकिन जब निगम के दावों की हकीकत जानने के लिए रुद्रपुर पोस्ट की टीम ग्राउण्ड जीरो पर उतरी तो बस्तियों के हालात कुछ और ही कह रहे थे। मलिन बस्तियों में जगह-जगह लगे कूडे के ढ़ेर और एकत्र हुआ गंदा पानी साफ बयां कर रहा था कि यहां कितनी सफाई हो रही है और निगम द्वारा कितनी फागिंग की जा रही है। जब इस बारे में लोगों से बात की गयी तो पता चला कि यहां अधिकारी तो छोड़ो कर्मचारी भी झांकने नहीं आ रहा है। लोगों का कहना था कि कूढ़े के ढेर से उनका इधर उधर निकलना दुभर हो जाता है, कई-कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठता। इतना ही नहीं जब हम निगम पहुंचे तो अफसरों के ख्याली विकास की सोच से बुरा हाल है होने की बात खुलकर सामने आई। निगम के अफसर अपने दफ्तरों में बैठकर विकास करने के दावे करते हुए आम जनता को ख्याली राहत पहुंचाने में मशहूक हैं।
![](https://rudrapurpost.com/wp-content/uploads/2021/10/IMG_20211031_160252-1024x706.jpg)
![](https://rudrapurpost.com/wp-content/uploads/2021/10/IMG_20211031_153919-1024x593.jpg)
बता दें कि रुद्रपुर के संजय नगर से होकर एक नहर निकलती है जिससे बेगुल नहर के नाम से जाना जाता हैं। नगर निगम और जिला प्रशासन की हीला हवाली कहें या नाकामी आज यह नहर नाले में तब्दील हो गई है। कभी 10 से 15 फुट की चौड़ाई में बहने वाले नहर आज नाले में तब्दील हो गया है। इसका जिम्मेदार कौन है इसका कोई जवाब नहीं। हालात यह हैं कि यह नाला गंदगी से बजबजा रहा है गंदा पानी और सड़े गले कूढे से संक्रमित रोग फैलने की काफी संभावनाएं हैं। इस बारे में जब यहां की जनता से बात की गयी तो पता चला कि पिछले दिनों संजय नगर में आई बाढ़ इसी नाले के परिणाम हैं, क्योंकि यह नहर आधे से ज्यादा अतिक्रमण की भेंट चढ़ गयी और रही-सही कसर गंदगी ने पूरी कर दी। बताया जाता है कि बारिश के समय संजय नगर में जल निकासी नहीं हो पाई थी और इसके चलते नाले का गंदा पानी कॉलोनियों के साथ ही लोगों के घरों में घुस आया था। बाढ़ के बाद भी यह नाला अभी तक गंदगी से पटा हुआ है जो अनेक बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है। लेकिन प्रशासन और नगर निगम की बेरुखी का शिकार संजय नगर और आस पास के लोग इसी हालतों में जीने को मजबूर हैं। मोटी मोटी फाइलों में डेंगू को रोकने के लिए नगर निगम और प्रशासन के बड़े-बड़े इंतजाम किए गए हैं लेकिन ग्राउंड जीरो पर नगर निगम के दावे पूरी तरह से खोखले साबित हो रहे हैं। बता दें कि पिछले दिनों आई आपदा पर तत्काल एक्शन लेते हुए प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर वहां की समस्याओं का समाधान करें और लोगों तक सुविधाएं पहुंचाएं, लेकिन सरकार के अधिकारी ही मुखिया की बात को अनसुना कर रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण है नगर निगम।
![](https://rudrapurpost.com/wp-content/uploads/2021/10/IMG_20211031_153934-2-1024x575.jpg)