प्रदेश उत्तराखंड में राजनीतिक पार्टियां फिलहाल दलबदल की संभावनाओं से चिंता में डूबी दिख रही हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य के भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब भाजपा के लिए चिंता और बढ़ गई है। अब प्रदेश में चर्चा इस बात को लेकर है कि भाजपा पार्टियों में अगली कमजोर कड़ी कौन सी हैं। अब भी भाजपा में ऐसे कई चेहरे हैं जो पार्टी से नाराज रहे हैं। भाजपा के साथ कांग्रेस में भी कुछ चेहरे पिछले दिनों दलबदल की संभावनाओं को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।
सूबे में अब तक कांग्रेस पर हावी रहने वाली बीजेपी मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य के भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने के बाद से
बैकफुट पर दिखाई दे रही है। ऐसा दिल्ली में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे विधायक संजीव आर्य के पार्टी छोड़ने के बाद महसूस किया जा रहा है। स्थिति यह है कि यशपाल आर्य और संजीव आर्य के पार्टी छोड़ते ही कुछ और चेहरे के भी जल्द भाजपा से मोहभंग होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि भाजपा के कुछ और बड़े चेहरे जल्द ही पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के कुछ और चेहरे भाजपा के लिए कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, उमेश शर्मा काऊ, कुमार प्रणव सिंह चैंपियन, केदार सिंह रावत, ओम गोपाल रावत के साथ कुछ और भाजपा के मजबूत चेहरे लंबे समय से भाजपा की कार्यप्रणाली से नाराज माने जा रहे हैं और यह कारण बहुत बड़ा कारण बन सकता है कि जल्दी यह चेहरे भी भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेसियों अन्य राजनीतिक दलों के चेहरे बन जाए ।