बिना महिला सशक्तिकरण के हमारे देश व समाज में नारी को उसका असल स्थान नहीं मिल सकता है। पुरातन परंपराओं और अंधविश्वासों के बीच उनका सशक्तिकरण नहीं हो सकता। जिस देश में सालों पहले बेटियों को बोझ समझा जाता था, उसी देश में बेटियां सफलता की इबारत लिख रही हैं। बदलते दौर में उत्तराखंड जनपद ऊधम सिंह नगर की ग्रामीण महिलाएं खुद स्वावलम्बी बन रही हैं। महिलाएं समूह के माध्यम से बेकरी संचालित कर रही हैं। जाग्रती महिला समूह महिलाओं की हर संभव मदद कर रही है. महिलाओं द्वारा मंडुवे के बिस्कुट लोगों को काफी पसंद आ रही है और बाजार में मांग बढ़ती जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं रोजमर्रा के कार्य के साथ ही महिला समूह से जुड़कर अपनी आर्थिकी मजबूत कर रही हैं. महिलाओं द्वारा मंडुवे के बिस्कुट, केक तैयार किया जा रहा है. महिला समूह द्वार पंतनगर किसान मेले में लगाई गई प्रदर्शनी में लोगों को मंडुवे के बिस्कुट और ड्राई केक काफी पसंद आ रहे हैं. बता दें कि किच्छा तहसील क्षेत्र के शांतिपुरी गांव की महिलाओं द्वारा राष्ट्रीय आजीवन मिशन के तहत जाग्रती महिला समूह बनाया गया है. समूह की 13 महिलाएं मिलकर एक बेकरी सेंटर को संचालित कर रही हैं. जिसमें वह डिमांड के अनुसार मंडुवे से बने बिस्किट और केक तैयार कर रही हैं।
महिलाओं द्वारा एक माह में 25 से 30 हजार रुपये की आमदनी भी की जा रही है. महिला समूह द्वारा मंडुवे का आटा, बिस्किट, केक, ड्राई केक, पकोड़ा मिक्चर और उत्तराखंड के कल्चर पर आधारित ऐपण से बनी पूजा थाल, नेम प्लेट, पूजा चौकी, शगुन के लिफाफे प्रदर्शनी में लगाए गए हैं. महिला समूह की संचालिका कविता तिवारी ने बताया कि मंडुवे से बने उत्पाद हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद हैं जो पौष्टिकता से भरे हुए हैं.मंडुवे की खपत को देखते हुए आसपास से गांव से मंगाया जा रहा है। जिससे लोगों को मंडुवे के दाम भी मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत के किसानों से संपर्क कर सीजन टाइम पर 2 से 3 कुंतल मंडुवा खरीदा जा रहा है।