जनपद ऊधम सिंह नगर के महानगर में प्रतिदिन सरकारी शराब की दुकानों पर अवैध रूप से वसूली का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। शराब की कीमत ठेकेदारों ने अपनी मर्जी से ही तय कर ली है। प्रत्येक दुकानों पर हर छोटी बड़ी बोतल पर ग्राहकों से वसूली की जा रही है। आबकारी नीति के अनुसार हर दुकान पर शराब की कीमत को दर्शाने वाली सूची मोटे अक्षरों में लगाना जरूरी है, मगर एक भी दुकान पर यह सूची नहीं लगी हुई है। शराब दुकानों पर निर्धारित कीमत से अधिक राशि वसूलने के बारे में जानकारी आबकारी विभाग के अधिकारियों को होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। माेटे अनुमान के अनुसार एक दिन में शराब की दुकानों पर होने वाली अवैध वसूली का आंकड़ा करीब 10 लाख रुपए से अधिक है।
जिले में अंग्रेजी देशी शराब की सैकड़ो दुकानें संचालित हो रही है। आबकारी अधिनियम और नियम के तहत प्रत्येक शराब की दुकान के बाहर उस दुकान में कौनसा ब्रांड है अौर उसकी कीमत क्या है उसकी जानकारी के लिए ठेके के बाहर की लिस्ट चस्पा करनी जरूरी होती है, लेकिन जिले में संचालित होने वाली
किसी भी दुकानों पर इस तरह के किसी भी नियम की पालना नहीं हो रही है। स्थिति यह है कि शराब के दाम आबकारी विभाग की ओर से तय कर इन ठेकेदारों द्वारा ही तय किए जा रहे हैं। वहीं इन दुकानों पर आने वाले ग्राहकों से भी मनमर्जी से दाम वसूल कर अवैध मुनाफा कमाया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक नहीं है, लेकिन इसके बाद भी अवैध और मनमर्जी की दाम की वसूली का काम खुलेआम और धड़ल्ले से चल रहा है। यहां मानों की कोई नियम कायदे ही नहीं है। हाइवे पर ट्रक चालक सहित अन्य से दोगुने दाम वसूले जाते हैं। स्थिति यह है कि निर्धारित समय के बाद भी बीयर अंग्रेजी शराब के दाम दोगुने हो जाते हैं।
यदि इनके मुनाफे पर भी नजर डाली जाए तो मनमर्जी से दाम वसूलने के चक्कर में इनके मुनाफे का आंकड़ा भी काफी बड़ा है। अंग्रेजी देशी शराब की दुकानों से प्रतिदिन लाखो रुपए का अवैध मुनाफा होता है। जैसे किसी बीयर की कीमत 90 से 140 रुपए की है तो कई ठेकों पर इनकी कीमत 120 से 180 रुपए वसूली जाती है।