रविवार शाम से हो बारिश के कारण किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया। खेतों में खड़ी फसल जमीन पर बिछ गई, वहीं मंडी में धान भीग गया। अपनी मेहनत पर यूं पानी फिरता देख किसानों की आंखों से आंसू निकल आए।
उत्तराखंड मौसम विभाग की बारिश की चेतावनी प्रदेश में एक बार फिर सच साबित हुई हुई है। लेकिन वही ये बारिश किसानों के लिए मुसीबत का पहाड़ बन कर आई है। कल देर शाम से लगातार हो रही बारिश किसानों के लिए आसमानी आफ़त से कम नही है। बारिश से किसानों की धान की फसल नष्ट होने के कगार पर आ खड़ी हुई है। उत्तराखंड का ऊधम सिंह नगर जिले में सबसे अधिक किसान हैं जिससे सूबे में बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में मौसम विभाग ने प्रदेश के कुछ जनपदों में अत्यधिक बारिश की चेतावनी जारी की थी । मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी सच साबित हुई है तो वहीं मैदानी इलाकों में किसानों के लिए ये बारिश आफ़त बन कर बरस रही है। सूबे में सबसे ज्यादा खेती ऊधम सिंह नगर में होती हैं और लगातार हो रही बारिश से किसानों की धान की फसल नष्ट हो रही है। नहीं नहीं मंडी में भी किसानों का करोड़ों का नुकसान हुआ है। जनपद के रुद्रपुर,गदरपुर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज, के अनाज मंडी में भारी बारिश के अलर्ट के बावजूद मंडी प्रशासन ने जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं करने के कारण किसानों का करोड़ रुपए के धान का नुकसान हुआ है। प्रशासन को कई घंटों पहले ही मौसम अत्यधिक खराब होने की जानकारी के बावजूद प्रशासन द्वारा किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई इतना ही नहीं मंडियों की साफ सफाई ना होने की वजह से मंडियों में जलभराव के कारण किसानों द्वारा लाया गया धान बारिश में भीग कर खराब हो गया जिससे किसानों को करोड़ों रुपए नुकसान हुआ है । जनपद में कई वर्षों से बारिस के वक्त किसानों को ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ता है मगर सरकारी कार्यप्रणाली सुधारने को तैयार नहीं है ।