सूबे उत्तराखंड में जन समस्याओं के निस्तारण के लिए सीएम पोर्टल का शुभारंभ किया गया । इस पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लोगों ने शिकायतकर्ता के रूप में अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए शिकायत करना प्रारंभ किया । लेकिन प्रदेश के कई जनपदों से आने वाले शिकायतें आज सीएम पोर्टल पर अंबार की तरह सिर्फ अपने निस्तारण की राह तक रहे हैं ।
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आपको बता दें कि उत्तराखंड के शिकायतकर्ता 1905 पर कॉल करके या मोबाइल एप या फिर cmhelpline.uk.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस हेल्प लाइन नंबर से राज्य सरकार के सभी विभागों से संपर्क किया जा सकता है। जनपद ऊधम सिंह नगर जिले में सीएम शिकायत पोर्टल में शिकायतों का अंबार लगा हुआ है. जनवरी 2021 से 23 सितंबर 2021 तक जिले में 1412 शिकायतें दर्ज हुई हैं। इसके अलावा पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उधमसिंह नगर में 349 शिकायतें दर्ज हुई हैं ज्यादातर मामले जमीन विवाद से जुड़े हैं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के गृह जनपद ऊधम सिंह नगर में शिकायतों का मेला लगा हुआ है हालांकि जिस रफ्तार से शिकायतें मिल रही हैं उस रफ्तार से शिकायतों का निस्तारण भी किया जा रहा है। जनवरी 2021 से 23 सितंबर 2021 तक उधमसिंह नगर में 1412 शिकायतें सीएम शिकायत पोर्टल के जरिए मिली हैं. हालांकि इनमें से 1392 मामलों का निस्तारण कर डीआईजी कार्यालय को रिपोर्ट भेज दी गई है। जबकि 20 मामलों की जांच चल रही है.वहीं, पुष्कर सिंह धामी के 4 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद जिले में 349 लोगों ने सीएम पोर्टल में अपनी शिकायत दर्ज कराई है इसमें अधिकांश मामले जमीन से जुड़े हुए हैं वहीं, 11 मामले खुद पुलिस महकमे से हैं. हालांकि, 342 मामलों का निस्तारण किया जा चुका है। मामलों में रिपोर्ट लगा कर डीआईजी कार्यालय भेज दी गई है
एसपी क्राइम मिथिलेश सिंह ने बताया कि सीएम पोर्टल में शिकायतें आती रहती हैं. मामले की जांच की कार्रवाई या पोर्टल में अंतिम रिपोर्ट अपलोड की जाती हैं जांच से संतुष्ट नहीं होने पर शासन स्तर पर भेज दी जाती है। ऐसे होती है जांचः सीएम शिकायत पोर्टल पर जांच एल-1 और एल-2 जांच प्रक्रिया के जरिए होती है. एल-1 जांच प्रक्रिया में शिकायत को शासन स्तर से संबंधित थाना या चौकी इंचार्ज को भेजा जाता है इसके बाद थाना या चौकी इंचार्ज मामले की जांच कर निस्तारण करते हैं 7 दिन के अंदर पुलिस अधिकारी को जांच कार्रवाई या अंतिम रिपोर्ट पोर्टल में अपलोड करनी पड़ती है. वहीं, अगर शिकायतकर्ता जांच से संतुष्ट नहीं होता है या 7 दिन के भीतर मामले का निपटारा नहीं होता है, तो 8वें दिन शिकायत रेंज स्तर पर चली जाती है इस प्रक्रिया को एल-2 जांच प्रक्रिया कहते हैं।