रुद्रपुर। उत्तराखण्ड सरकार समस्त शासकीय विभागों एवं कार्यालयों में कार्यरत समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन से उनके वेतनक्रम के आधार पर प्रतिमाह गोल्डन कार्ड योजना के तहत नियमित कटौती करती आ रही है परंतु गोल्डन कार्ड धारक किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को आज तक इसका लाभ नहीं मिला। कोरोना जैसी विकट महामारी से ग्रस्त इन कार्ड धारकों को स्वयं से चिकित्सकीय व्यय वहन करना पड़ा। कोई भी सरकारी या गैरसरकारी चिकित्सालय इसे स्वीकार नहीं करता। इसी समस्या को देखते हुए रुद्रपुर के सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के 20 प्राध्यापकों ने शासन को एक ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में गोल्डन कार्ड के नाम पर की जा रही कटौती को बंद करने तथा काटी गयी धनराशि को ब्याज सहित वापस दिलाए जाने की मांग की गयी हैं इस मामले में रसायन विभाग के सहायक अध्यापक डॉ. बीपी सिन्हा का कहना है कि वह गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर एक अस्पताल में भर्ती हुए थे और स्वस्थ्य होने के बाद उन्होंने महाविद्यालय कार्यालय को चिकित्सकीय अवकाश के प्रार्थना पत्र के साथ ही चिकित्सकीय व्यय से संबंधित समस्त प्रपत्र कार्यालय में सौंप दिए थे परंतु इसका भुगतान आज तक नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गोल्डन कार्ड का कोई भी फायदा किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को नहीं मिलता है। ज्ञापन देने वालों में डॉ. शाहिद सिद्धिकी, डॉ. रविन्द्र कुमार सैनी, डॉ. हेमलता सैनी, डॉ. दीपमाला, डॉ. जीबी वर्मा, प्रो. शंभूदत्त पाण्डेय, डॉ. अंचलेश कुमार, डॉ. विवेकानंद पाठक, डॉ. विधाधर उपाध्याय, डॉ. पीसी सुयाल, डॉ. राघवेन्द्र मिश्र, डॉ. हरिशचंद, डॉ. कमला बोरा, डॉ. एसके मौर्य, डॉ. पीएन तिवारी, डॉ. रीनू रानी मिश्रा, डॉ. एसके श्रीवास्तव आदि शामिल हैं।
Vikas Kumar Verma
संपादक