किसी ने क्या खूब कहा है कि जिधर देखो नफरत के बीमार बैठे हैं, हजारों मर गए लाखों तैयार बैठे हैं। बर्बाद होते हैं नशे के पीछे, और कहते हैं कि बेरोजगारी में हम नफरत और बर्बादी का कारोबार लिए बैठे हैं।
जाने इस शहर को क्या होगया है जिधर देखो गोलिया ही गोलियां …..उत्तराखंड ऊधम सिंह नगर के औधोगिक नगरी और जिला मुख्यालय रुद्रपुर में पिछले कुछ महीने के अंदर अपराध का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ा है। बदमाश खुलेआम हत्या, लूट, दुष्कर्म, छेड़खानी और चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर दहशत फैला रहे हैं। वहीं मानो पुलिस को भी गुनाह और खुलासे के खेल में मजा आ रहा है। साफ़ है कि पुलिस अपराधों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। नतीजतन अपराधी खुलेआम वारदात पर वारदात किए जा रहे हैं। रुद्रपुर में अपराध का एक और नया मामला प्रकाश में आया है। जहां दिन दहाड़े एक बार फिर ट्रांजिट कैंप स्थित ग्राहक सेवा केंद्र की दुकान गोलियों से गूंज उठी है।
जानकारी के अनुसार रूद्रपुर में हथियारबंद बदमाशों के द्वारा एक युवक पर हमला करने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि बदमाशों ने युवक पर तमंचा तानकर हवाई फायर भी कर दिया। जिसको देख युवक की बहन ने अपनी जान की परवाह किए बिना बदमाशों से लोहा लिया। शोर होने पर मौके पर आस-पास के लोग जमा हो गए। लोगों ने दो लोगों को दुकान के भीतर ही बंद कर दिया जबकि चार लोग फरार बताए जा रहे हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दुकान से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है ।
बताया जा रहा है कि ट्रांजिट कैंप शिवनगर में राकेश अधिकारी की दुकान है। सोमवार को कुछ बदमाश वहां पहुंच गए और युवक पर तमंचा तान दिया। आरोप है कि बदमाशों ने एक फायर भी किया। फायर के शोर से युवक की बहन भी मौके पर पहुंच गई। भाई की जान को जोखिम में देख उसकी बहन बदमाशों से भिड़ गई। इसी दौरान आस-पास के लोग भी मौके पर जमा हो गए। लोगों के विरोध पर बदमाश मौके से भागने लगे। हालांकि दो लोगों को दुकान के भीतर ही बंद कर दिया गया। हमले की सूचना पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और दुकान का शटर खुलवाकर भीतर बंद दोनों लोगों को पकड़ लिया। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। कैंप क्षेत्र में फायरिंग की घटना के बाद से आस-पास भारी संख्या में लोग जमा हो गए हैं। हालांकि गनीमत रही कि मामले में किसी को भी गोली नही लगी।
वही इसके उलट विश्वसनीय सूत्र और हमारी पड़ताल के अनुसार मामला जमीनी विवाद से जुड़ा हुआ है जिसमें एक पक्ष को कोर्ट की ओर से विवादित जमीन पर कब्जा दिलाने का मामला है। इसी मामले में कुछ दिनों से दोनों पक्ष आमने सामने आ रहे थे। आज भी कुछ इसी तरीके का मामला था। विवादित जमीन को खाली कराने और ना छोड़ने को लेकर दोनों ही पक्ष आपस में भिड़ गए फ़िलहाल गोली चलाने और जमीनी विवाद के मामले की सत्यता की गहन जाँच के लिए पुलिस को बड़े ही सोच समझकर कदम उठाने होंगे लेकिन कुछ सोशल मीडिया पत्रकारों को मामले की संवेदनशीलता को समझना होगा और अनावश्यक भय का माहौल पैदा करने से बचना होगा ताकि क्षेत्र को भयभीत और पैनिक होने से बचाया जा सके। वहीं पुलिस प्रशासन को भी देखना होगा कि ऐसे मामले में बिना किसी जांच-पड़ताल के सोशल मीडिया साइट पर लाइव कवरेज के माध्यम से लोगों को भ्रम के जाल से बचाया जा सके। आज कोई भी सोशल मीडिया साइट पर खबर को सबसे पहले दिखाने की होड़ में मामले की सत्यता को बगैर जांचें समझे प्रसारण करना शुरू कर देते है जिससे समाज में भ्रांतियों के फैलाने का खतरा बन जाता है जिससे लोग भयभीत और संकुचित हो जाते है जिसे रोका जाना बेहद जरूरी है।