जनपद ऊधम सिंह नगर के जिलामुख्यालय रुद्रपुर में बैंक लोन और जमीन संबंधी धोखाधड़ी का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। जल निगम के पूर्व अभियंता ने फैक्टी के लिए बैंक से लिए गए ऋण के एवज में गिरवी रखे मकान अपने ही परिचित को फर्जीवाड़ा कर बेच दिया। साथ ही बैंक के साथ मिलकर उस पर होम लोन भी दिला दिया। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार इडिया कॉलोनी निवासी राकेश कुमार गर्ग पुत्र यशोदा नंदन गर्ग और उसके पुत्र मनीष कुमार गर्ग ने मलसा स्थित अपनी फैक्ट्री बाल-गोपाल मेटल्स के लिए 2010 में पंजाब नेशनल बैंक से ऋण लिया। करोड़ों के ऋण व सीसी के समक्ष पांच निजी संपत्तियां मॉर्टगेज की गयीं। इन्हीं में से एक संपत्ति डी-12, भुरारानी, स्वागत इन्कलेव को पिता-पुत्र ने 2012 में जालसाजी कर सतीश चंद्र सिंह हो बेच दिया। राकेश ने बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन मैनेजर और फील्ड ऑफीसर के साथ मिलीभगत कर पहले ही पीएनबी में रेहन अपने मकान पर सतीश के लिए दुबारा होमलोन भी करा दिया। वही विगत 30 अक्टूबर समाचार पत्र में पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रकाशित एनपीए लोन रिकवरी सूचना में अपने भवन का विवरण पढ़ सतीश चौंक पड़े। बैंक एवं अन्य स्रोतों से छानबीन करने पर वह इस धोखाधड़ी से अवगत हुए। सतीश चंद्र सिंह की शिकायत पर जाँच के बाद कोतवाली पुलिस ने राकेश गर्ग एवं मनीष गर्ग के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।