नई दिल्ली। अनियमित खानपान और तनाव भरी जिंदगी तमाम बीमारियों की वजह बन गई है। इन्हीं में से एक है ब्लड शुगर यानी मधुमेह। बुजुर्गों के साथ युवा भी शुगर (डायबिटीज) के के चपेट में आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जब पैन्क्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन कम या फिर बंद कर दें तो इसके कारण मधुमेह की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। हम आपको बता रहे हैं 5 ऐसे काम, जिससे ब्लड शुगर की बीमारी से बचा जा सकता है। इन 5 चीजों का रखें ध्यानः डॉक्टर बताते हैं कि अपने रोज़ाना के रुटीन में पांच चीजों का पालन करके ब्लड शुगर की समस्या को रोका जा सकता है। पहला- प्रतिदिन खाना छोटे छोटे टुकड़े में खाना चाहिए, 6 से 7 बार। दूसरा- प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए। तीसरा- प्रतिदिन खाने में सलाद, सब्जी और दाल की मात्रा अधिक खाना चाहिए। चौथा- प्रतिदिन एक बार शुगर चेक करना चाहिए। पांचवा- शुगर की दवाईयां और इन्सुलिन डॉक्टर के सलाह के अनुसार प्रतिदिन लेना चाहिए। भूलकर भी न करें ये 5 गलतियांः इसके अलावा ब्लड शुगर के मरीजों के लिए अपने रोज़ाना की दिनचर्या में कुछ बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। कई बार इन चीजों का ध्यान नहीं रखने से अन्य बीमारियों का खतरा भी हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक शुगर के मरीजों को 5 दिनों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। पहला- एक बार में बहुत अधिक नहीं खाना चाहिए और लंबे समय तक भूखा नहीं रहना चाहिए। दूसरा- मीठी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। तीसरा- रोटी, चावल और तले पदार्थ अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए। चौथा- शरीर पर लगे चोट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पांचवा- पेशाब की मात्रा और पैरों में सूजन पर प्रतिदिन ध्यान दें। हार्ट फेल होने से लेकर स्ट्रोक तक का खतराः इसके अलावा हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शुगर की बीमारी को आप बिल्कुल भी नज़रअंदाज नहीं कर सकते। कई बार लापरवाही भारी भी पड़ सकती है। ब्लड शुगर का नतीजा गुर्दे खराब होना, हार्ट फेलियर और ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकता है। ब्लड शुगर का कोई सीधा इलाज तो है नहीं, लेकिन कुछ चीजों को अपने दिनचर्या में शामिल करके, इस पर काबू जरूर पाया जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का एक तरफ मानना है कि अश्वगंधा का सेवन भी ब्लड शुगर के मरीजों को फायदा पहुंचा सकता है। क्योंकि अश्वगंधा बॉडी में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे ब्लड शुगर की मात्रा को कम किया जा सकता है।
Manpreet Singh
संपादक