अक्सर लोगों को आपने कहते हुए सुना होगा की पुलिस वालों की ना दोस्ती अच्छी और ना ही दुश्मनी। कुछ ऐसा ही नजारा जनपद ऊधम सिंह नगर के जिला मुख्यालय रुद्रपुर में सामने आया है जहां मित्र पुलिस के एक एसओ ने दुश्मनी निकलते हुए एक पीड़ित को अपनी हनक दिखाई है।
जिला मुख्यालय रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र के आवास विकास स्थित एक ट्रेलर ने ट्रांजिट कैम्प के एसओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसएसपी से शिकायत की है। आरोप है कि कुछ समय पहले एसओ साहब वर्दी सिलवाने के लिए उसकी दुकान पर पहुंचे थे इस दौरान वर्दी का कपड़ा और सिलाई के मोल भाव को लेकर दोनों के बीच बहस हो गई। इसके बाद एसओ साहब ने उसे देख लेने की बात कह कर चले गए। कुछ दी बाद एसओ साहब ने खुन्नस निकालने के लिए उसकी बाइक को सीज कर दिया है।
इस घटना के बाद पीड़ित शख्स ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगाते हुए बताया कि 6 माह पूर्व एसओ साहब अपनी वर्दी की फिटिंग ठीक करने के लिए उनकी दुकान में भेजी थी। उस वक्त वर्दी फिटिंग का कोई चार्ज नहीं लिया गया था इसके बाद कुछ दिन पहले एसओ उसकी दुकान में वर्दी सिलवाने के लिए पहुंचे उनको कपड़ा भी पसंद आया। लेकिन पेसों के मोल भाव के दौरान दोनों के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि इस दौरान एसओ द्वारा उसे देख लेने, वाहन को सीज और परेशान करने की धमकी दी गई। वहीं 27 अक्टूबर को आवास विकास चौकी इंचार्ज नीमा बोहरा ने उसकी दुकान के बाहर खड़ी बाइक को सीज कर दिया। एसएसपी मंजू नाथ टीसी इस मामले में बातया कि एक एसओ के खिलाफ मिडिया के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है ये भी पता च है कि उसकी बाइक भी सीज की गई है अब तक उन्हें एसओ के खिलाफ कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है शिकायत प्राप्त होने पर मामले की जांच करने के बाद अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उधर विश्वसनीय सूत्रों की माने तो एसओ साहेब के उत्तराखंड भाजपा सरकार के एक बड़े नेता से अच्छे संबंध हैं जिनका वह खुलकर फायदा लेते हैं। उनके थाना क्षेत्र पर नजर डाले तो क्षेत्र में क्राइम लगातार बढ़ता जा रहा है। कई बार तो अपराध होने के बाद एसओ साहेब अपने थाने में मामले की एफआईआर लिखने की जहमत तक नहीं उठाते हैं और इसका उन्हें ना कोई पछतावा होता है और ना ही अपने उच्च अधिकारी का कोई डर। मीडिया भी जब मामले में उनका पक्ष जानने की कोशिश करती है तो बड़े ही बुलंद आवाज में एसओ साहेब कहते हैं कि आपको जो लिखना है वो लिख लो। उनके भीतर यह सारी दबंगई सत्ता पक्ष की रहमत का ही असर है। यही नहीं विश्वसनीय सूत्र तो यह भी कहते हैं कि जिले के आलाधिकारी यहां तक की पुलिस मुखिया भी उनके इस टशन से पूरी तरह वाकिफ़ है। इसीलिए थाने से संबंधित शिकायतों में एसओ साहेब को कभी तलब नहीं किया जाता है। लगातार कई मामलों के बाद भी एसएसपी साहब ने आज तक एसओ साहेब से तलब करने की जहमत तब नहीं उठाई है ना ही कोई कार्यवाही की है। ऐसे में इस मामले में पीड़ित टेलर को न्याय मिल पाएगा? इसका अंदाजा लगाना बड़ा ही आसान है।