जनपद ऊधम सिंह नगर के जिलामुख्यालय रुद्रपुर में अक्सर विवादों और सुर्खियों में रहने वाला कृष्ण हॉस्पिटल एंड क्रिटिकल सेंटर का एक और सच सूचनाधिकार के तहत सामने आया है। जहां नियमों को ताक पर रखकर इस हॉस्पिटल ने अपनी बहुमंजिल इमारत बनाई है।
औघोगिक नगरी रुद्रपुर में निजी अस्पताल किस तरह से मानकों की धज्जियां उडा रहे है, और कैसे नियमों को ताक पर रख कर अस्पताल संचालित कर रहे हैं इसका खुलासा हुआ है, सूचना इधिकार के तहत, आरटीआई एक्टीविस्ट शुभम मंडल द्वारा रुद्रपुर के कृष्णा अस्पताल के सम्बन्ध में मांगी गयी सूचना में बडा खुलासा हुआ है, जिसमें अस्पताल बिना नश्खा पास किये ही बना दया गया है, जबकि प्राधिकरण क्षेत्र में भवन निर्माण से पूर्व नख्शा पास कराना अनिवार्य है, बावजूद इसके कैसे बन गया कृष्णा अस्पताल का भवन देखिये एक खास रिपोर्ट।
विनियमित क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी भवन का निर्माण करने से पूर्व उसका मानचित्र अधिकारिक तौर पर पास कराना अनिवार्य होता है, चाहे वो व्यवसायिक हो या फिर निजी, अब से में यदि व्यवसायिक कई मंजिला भवन निर्माण होना हो तो जरुरी है कि उसका मानचित्र सम्बन्धित विभागों से पास कराना होता है, लेकिन यहां तो जनाब सूचना अधिकार में जो खुलासा हुआ है वो बेहद ही चौकाने वाला है, शहर के बीच में डाक्टर लाईन में बना कई मंजिला इमारती भवन प्रशासनिक तंत्र की मौजूदगी में बिना मानचित्र पास कराये ही बन गया, लेकिन किसी ने कार्यवाही करने की जहमत तक नहीं उठाई, आरटीआई एक्टिविस्ट शुभम मंडल द्वारा मांगी गयी सूचना में ये खुलासा हुआ है कि कृष्णा अस्पताल की बहुमंजिली इमारत का कोई मानचित्र अधिकारिक तौर पर पास नहीं हुआ है और ना ही भवन निर्माण की कोई अनुमति ही ली गयी, एसे में भवन निर्माण कैसे हो गया और कैसे कोई कार्यवाही नहीं हुई ये बेहद ही चौकाने वाली बात है।
गौतरलब ये भी है कि आम तौर पर छोटे छोटे भवनों के निरमाण पर तो प्रशासनिक मशीनरी की पेनी नजर रहती है, और नियमों का पाठ पढाकर उनपर कार्यवाही भी की जाती है, तो फिर एसे में शहर के बीच में इतनी बडी इमारत खडी हो गयी और कैसे विभागिय अधिकारियों की पैनी नजर यहां नहीं पडी, ये बेहद ही चौंकाने वाली बात है। उल्लेखनिय तो ये भी है कि इसी अस्पताल के खिलाफ स्वास्ठय विभाग में भी कई शिकायतें है, जिनमें से कुछ पर जांच प्रचलित है तो कुछ विचाराधीन भी है, बावजूद इसके आखिर एसा क्या है कि नियमों और मानकों की धज्जियां उडाने वाले इस कृष्णा अस्पताल के विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाय सिर्फ जांच की बंशी बजायी जाती है लेकिन कार्यवाही नहीं होती, लेकिन जनाब ये पब्लिक है सब जानती है, ये गीत यहां भी सटीक बैठता है, क्योंकि यहां भी पब्लिक सब जानती है, बस नहीं जानता तो वो तंत्र जो इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार है।