उत्तराखंड प्रदेश में जीरो टोलरेंस के बड़े-बड़े दावे करने वाली भाजपा सरकार की पोल उन्हीं के नेता खोलते नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं भाजपा सरकार में राशन कार्ड बनाने को लेकर किस प्रकार धांधली हुई है उस पर से भी भाजपा नेता ने अपनी करतूत से पर्दा उठा दिया है ।
उत्तराखंड के जनपद ऊधम सिंह नगर जिला मुख्यालय पर भाजपा के नवनियुक्त मंडी समिति अध्यक्ष ने राशन कार्ड की धांधली और भाजपा सरकार के जीरो टोलरेंस के बड़े-बड़े दावों की पोल खोली खुलकर रख दी हैं। महानगर रुद्रपुर में नगर के भाजपा नेता के.के. दास रुद्रपुर मंडी समिति के अध्यक्ष बनते ही
खुदवाखुद गरीब से अमीर बन गए। दरअसल के.के. दास ने 13 अक्टूबर को अपना राशन कार्ड बीपीएल से हटाकर एपीएल में करा लिया, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एपीएल कार्ड उन्हीं लोगों का बन सकता है जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹500000 से कम हो। ऐसे में जिला पूर्ति कार्यालय भी असमंजस की स्थिति में है। दरअसल के.के दास के परिवार की वार्षिक आय ₹500000 से कहीं अधिक है। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि क्या वह अब अपना एपीएल कार्ड भी निरस्त कराएंगे।
जानकारी के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व नगर अध्यक्ष के.के. दास ने 13 अक्टूबर को अपना राशन कार्ड बीपीएल (बिलो पावर्टी लाइन/ गरीबी रेखा से नीचे) से हटाकर एपीएल (अबव पावर्टी लाइन/ गरीबी रेखा से ऊपर) में परिवर्तित करा लिया। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एपीएल कार्ड उन्हीं लोगों का बन सकता है जिनके परिवार की वार्षिक आय पांच लाख रुपये से कम हो। ऐसे में जिला पूर्ति कार्यालय भी असमंजस की स्थिति में है। सूत्रों के अनुसार के.के. दास के परिवार की वार्षिक आय इस सीमा से कहीं अधिक है। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि क्या वह अब अपना एपीएल कार्ड भी निरस्त कराएंगे।
आपको बता दे के.के दास बंगाली समुदाय के नेता माने जाते हैं पर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बंगाली वोटरों की रिझाने व बंगाली वोट की लालसा में भाजपा ने लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं रुद्रपुर मंडी समिति के अध्यक्ष पद पर के.के दास को बैठा है। इससे पहले के.के. दास बीपीएल कार्ड पर ही लगातार राशन ले रहे थे। ऐसे में जबकि उनके पास अपना मकान, उनके परिवार में आय के साधन और कुछ दुकानें भी बताई जाती हैं। मामला चर्चा में आया तो केके दास ने 13 अक्टूबर को अपना राशन कार्ड बीपीएल एपीएल में दर्ज करा दिया, लेकिन बात यही खत्म नहीं होती, के.के. दास और उनके परिवार की वार्षिक आय पांच लाख रुपये से कहीं अधिक है। ऐसे में जिला पूर्ति कार्यालय भी असमंजस की स्थिति में है। इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी तेजपाल सिंह का कहना था कि केके दास का राशन कार्ड 13 अक्टूबर को ही बीपीएल से एपीएल में दर्ज हो चुका है। उन्होंने एपीएल कार्ड के मानक भी बताएं। अब सवाल यह भी उठता है कि क्या केके दास अपने एपीएल कार्ड को भी निरस्त कराएंगे। इसके पीछे वजह पार्टी से भी जुड़ी है। जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली पार्टी के नेताओं के इस तरह के आचरण पर सवाल उठना लाजमी है।